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14 March 2017

श्री युवक साहित्य सदन द्वारा होली पर राग रंगोली कार्यक्रम आयोजित

ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा ना घबराइए

सिरसा। श्री युवक साहित्य सदन द्वारा होली के अवसर पर सदन प्रांगण में गीत संगीत से भरा राग रंगोली कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सर्वप्रथम सदन के प्रधान प्रवीन बागला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धनराज बिश्रोई, वरिष्ठ साहित्यकार पूरन मुद्गल तथा उपप्रधान सत्यनारायण गोयल ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित किया।
सदन के सचिव लाज पुष्प ने अतिथियों का स्वागत किया और सदन द्वारा कला व साहित्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि श्री युवक साहित्य सदन साहित्य व संगीत के क्षेत्र में निरंतर काम कर रहा है और लगातार गतिविधियां आयोजित हो रही हैं। उन्होंने इस कार्य में रचनात्मक सहयोग देने के लिए सदन के प्रधान प्रवीन बागला, कोषाध्यक्ष गोपाल कृष्ण सर्राफ, पुस्तकालय अध्यक्ष अमित गोयल, संगीतकार राज वर्मा तथा सदन के सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
रियाज संगीत अकादमी के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में सबसे पहली प्रस्तुति स्नेहा ने प्रस्तुत की:- झीना-झीना उड़ा गुलाल, इस प्रस्तुति से ही महफिल में होली का रंग चढऩे लगा। दूसरी प्रस्तुति के रुप में मोहित खन्ना ने एक गजल प्रस्तुत की - वही पलकों का झपकना, वही जादू तेरे। इसके बाद युवा गायन प्रतिभा के रुप में उभर रहे हर्षित मेहता ने फिल्मी गीत - एहसान तेरा होगा मुझ पर प्रस्तुत किया।
जिसे श्रोताओं ने जमकर सराहा और तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ प्रोत्साहित किया। अपनी खनकती हुई आवाज के लिए पहचानी जाने वाली युवा गायिका प्रियंका ने पंजाबी सूफी गीत प्रस्तुत किया तो सारा पंडाल उनके साथ झूम उठा। अमन वर्मा द्वारा प्रस्तुत तांगे वाले नैन के साथ उनकी शास्त्रीय संगीत पर प्रभावशाली पकड़ को श्रोताओं ने खूब पसंद किया। उनकी लयकारी और अलाप व सरगम तीनों ही एक दूसरे पर प्रभाव छोड़ते नजर आए। युवा कलाकार सिमरन द्वारा प्रस्तुत - ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा न घबराइए, पूरी महफिल की पहचान बन गया और उनका जादू इस कदर सिर चढ़कर बोलने लगा कि श्रोताओं ने उन्हें दोबारा मंच पर आमंत्रित किया। दूसरी प्रस्तुति में भी सिमरन ने स्वर पर अपनी पकड़ और प्रभावशाली प्रस्तुति का प्रदर्शन करते हुए खूब तालिया बटोरी। इंद्र वर्मा द्वारा प्रस्तुत गजल - रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ, प्रस्तुत की तो गायकी में उनकी परिपक्वता को सबने सलाम किया। डॉ. आर.एम. अरोड़ा, ममता माल्या, पूजा, डॉ. ओ.पी. चौधरी, एडवोकेट रमेश मेहता व राज वर्मा ने भी गीत गजल की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में सदन के संस्थापक सदस्य धनराज बिश्रोई को सदन की ओर से आजीवन उपलब्धि सम्मान देकर सम्मानित किया गया। सदन के प्रधान प्रवीन बागला ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सदन अपने प्रत्येक कार्यक्रम में मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और संगीत साहित्य प्रेमियों के सहयोग की अपेक्षा करता है। इस अवसर पर सत्यनारायण गोयल, गोपाल कृष्ण सर्राफ, डॉ. शील कौशिक, अमित गोयल, गौरव गोयल, प्रशांत गुप्ता, डॉ. एस.पी. शर्मा, डॉ. प्रवीन अरोड़ा, गंगाधर वर्मा, रमेश जिंदगर, शंकर शर्मा चित्रकार, डा. जी.डी. चौधरी, डॉ. दर्शन सिंह, रमेश शास्त्री, सीमा विशाल वत्स, भारत शर्मा, कुलदीप वर्मा सहित बड़ी संख्या में संगीतप्रेमी मौजूद थे।

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