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24 March 2017

भावुक नहीं विवेकी गौभक्त बनना चाहिए : डॉ. स्वामी दिव्यानंद भिक्षु

सिरसा। धर्मसाधना केवल प्रात: सायं होने वाला कोरा कर्मकांड नहीं है। यह हमारी चित्त शुद्धि कर धर्म साधना के योग्य बनाता है। यथार्थ में तो धर्म दिव्य सदगुणों को धारण कर लेना है। इसी को शास्त्रों ने गुणात्मक धर्म कहा है। जब हम अपने इष्ट के दिव्य गुणों को जीवन में धारण करते हैं उन्हीं की भांति होकर उनका भजन करते हैं श्री कृष्ण की हम पूजा तो करते ही हैं वे हमारे पूज्य हैं किंतु क्या कभी हमने सोचा कि हमारे पूज्य भगवान कृष्ण् की पूज्य तो गौ मईया है। वे कृष्ण प्रात: से सायं तक उनकी सेवा में लगे रहते हैं। किंतु हम कृष्ण के भक्त क्या कर रहे हैं। तपोवन हरिद्वार से पधारे पूज्य गीता व्यास डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने चौ. देवीलाल गौशाला में गौ गोपाल भक्ति अमृत कथा के तीसरे दिन गौ भक्तों को संबोधित करते हुए यह संदेश दिया। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण की पूजा भक्ति तभी सार्थक होगी जब उनकी प्रिय गाय की भी हम पूजा सेवा करें। ऐसा तो बिल्कुल अज्ञानता का परिचय देना ही होगा कि प्रत्येक सप्ताह होने वाली भागवत कथाओं में गौवर्धन पूजा में छप्पन भोग के नाम पर तो हजारों रुपया लगा दें किंतु उन्हीं कृष्ण की गाय हमसे चारा मांग रही हो और हम किनारा करके चलते बनें। कथा में स्वामी श्री ने केके शर्मा द्वारा रचित 58 भजनों की पुस्तिका पुष्पांजलि का लोकार्पण किया और शर्मा को साधुवाद दिया। कथा के दौरान प्रधान एडवोकेट संजीव जैन ने बताया कि पूज्य स्वामी जी के पावन सानिध्य में गौशाला में गौदान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भक्तों द्वारा दिया जाने वाला दान केवल और केवल गऊओं के लिए ही प्रयोग होता है और उसमें से एक रत्ती भी इधर-उधर खर्च नहीं होता। आज कथा से पूर्व कामधेनु यज्ञ के दौरान मुख्य यजमान मा. रोशन लाल गोयल, अजय शर्मा, डॉ. अजय कुमार, सुरेश बणी वाला, प्रेम सिंगला, रामअवतार जम्मू, मुरारी लाल सरपंच, प्रमोद मेहता, सुनील बंसल एडवोकेट, नरेश गुप्ता, सतीश गोयल, घनश्याम मित्तल, जगदीश राय जिंदल लुधियाना  बिमला देवी पंजुआना वाले, शारदा बंसल पंजुआना वाले, अंजु शर्मा, बबलू आरेवाला, प्रेम बंसल, बब्बू जैन, रामअवतार हिसारिया, सुनील बंसल, कृष्ण गर्ग आरेवाला, जोगेन्द्र नागपाल, कुंदनलाल नागपाल, सन्नी बंसल, चंद्र गर्ग आदि मौजूद थे।

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