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14 January 2011

बाढ़ बचाव के कार्यों पर 350 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी

सिरसा, 14 जनवरी। 
    प्रदेश में बाढ़ बचाव के कार्यों पर 350 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। यह जानकारी प्रदेश के वित्त, सिंचाई, वन एवं पर्यावरण मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने आज स्थानीय लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में आयोजित प्रैस सम्मेलन में दी।
    उन्होंने बताया कि उक्त राशि से 18 करोड़ रुपए की राशि रंगोई खरीफ चैनल को मजबूत कर  उसकी क्षमता बढ़ाने पर खर्च किए जाएंगे। इसके साथ-साथ राज्य के क्षेत्र में बहने वाली घग्घर नदी के तटबंधों को मजबूत और विभिन्न स्थानों पर रिंग बंध बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सिरसा जिले में पडऩे वाली ओटू झील की खुदाई का कार्य अढ़ाई फीट से बढ़ाकर चार फीट किया गया है। झील की खुदाई के कार्य के लिए लगभग 70 करोड़ रुपए की राशि खर्च होनी थी जो अब बढ़कर 107 करोड़ रुपए कर दी गई है। इस तरह से ओटू वीयर की झील में अब पानी को अधिक स्टोर किया जा सकेगा जिससे जिला के किसानों को 90 दिन तक सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि घग्घर नदी में बोरवेल भी बनाए जाएंगे जिससे वाटर रिचार्च तो होगा ही साथ ही नदी के आसपास पडऩी वाली भूमि को सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
    श्री यादव ने बताया कि सिरसा जिले में सिंचाई की विभिन्न योजनाओं पर निकट भविष्य में 278 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी जिनमें से 136 करोड़ रुपए की राशि की परियोजनाएं मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके द्वारा स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री द्वारा पांच परियोजनाएं स्वीकृत की गई है और आज उन्होंने मौके पर तीन परियोजनाओं की स्वीकृति दी जिनमें न्यू कसाबा माईनर, नाईवाला खरीफ चैनल और मंगाला डिस्ट्रीब्यूटरी शामिल है। न्यू कसाबा माईनर पर 2.51 करोड़, नाईवाला खरीफ चैनल पर 24 करोड़ व मंगाला डिस्ट्रीब्यूटरी के निर्माण पर 1 करोड़ 60 लाख रुपए की राशि खर्च आएगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा पांच परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी है जिनमें मुख्य योजना रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल की है जिस पर लगभग 71 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इस प्रकार से इन परियोजनाओं से जिला की 70 हजार से भी अधिक एकड़ भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिल पाएगा।
    उन्होंने घग्घर नदी में दूषित पानी बहने से संबंधित पूछे गए एक प्रश्र के जवाब में कहा कि यह मामला राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड को भेजा जा चुका है जिसका शीघ्र ही बोर्ड द्वारा ठोस निर्णय लिए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए पॉलीथीन के सभी प्रकार की कैरी बैग पर प्रतिबंध लगाया है और संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे शहरों में विभिन्न स्थानों पर जांच कर पॉलीथीन बैग का स्टोर व प्रयोग करने वाले लोगों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करे। उन्होंने कहा कि उपमंडल अधिकारियों (ना0), तहसीलदारों, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों स्तर तक के अधिकारियों को पॉलीथीन बैग का प्रयोग करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए शक्तियां प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण की योजनाओं को भी प्रदेश में प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए विशेष कदम उठाए गए है। वन विभाग द्वारा अब पौधे मुफ्त न उपलब्ध करवाकर एक रुपया प्रति पौधे की दर से लोगों को उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि पौधे लगाने वाले किसान व अन्य लोग संजीदा ढंग से पौधारोपण करे और उनकी देखभाल करें इससे पौधे के जीवित रहने की अधिक संभावना होगी। इसी उद्देश्य से ही प्रदेश में इस बार पौधों के वितरण की संख्या पांच करोड़ से कम करके 3.5 करोड़ की गई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण की परियोजनाओं पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इन योजनाओं के तहत  बीबीपुर, कोटला और भिंडावास झीलों की क्षमता बढ़ाने का प्रावधान भी किया गया है। इसके साथ-साथ वन्य प्राणी संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा विलुप्त होती पशु प्रजाति के पशु गोद लेने की योजना भी शुरु की गई है। उन्होंने स्वयं काले हिरण को गोद लिया है जिसकी सुरक्षा व संरक्षण के लिए वे विशेष प्रयास करेंगे। उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि वे वन्य प्राणियों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए किसी न किसी पशु को गोद ले और उस पशु के संरक्षण के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार करे जिससे आमजन जागरुकता फैलाई जा सके।
    वित्त एवं सिंचाई मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में समान रुप से विकास कार्य करने में जुटी है। उन्होंने सिरसा जिला में गत छह वर्ष के प्रदेश सरकार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का ब्यौरा देते हुए बताया कि बिजली के क्षेत्र में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सिरसा जिला में 455 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है जबकि वर्ष 2000 से 2005 तक के विपक्षी सरकार के कार्यकाल में यह राशि मात्र 145 करोड़ की राशि खर्च की गई थी। इस प्रकार से लोक निर्माण विभाग द्वारा सिरसा जिला में 159 करोड़  रुपए, शिक्षा के क्षेत्र में 58 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य के क्षेत्र में 4. 61 करोड़ रुपए, सिंचाई के क्षेत्र में 178 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है जो विपक्षी सरकार के कार्यकाल से कई गुणा अधिक है।
    प्रैस सम्मेलन में उपस्थित सांसद डा. अशोक तंवर द्वारा बजट बढ़ौतरी से संबंधित पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2011-12 का बजट प्रोगे्रसिव बजट होगा और वित्तीय वर्ष के बजट की राशि 20 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्रालय की सिफारिश के लिए वीजन पेपर तैयार किया जाएगा जो 17 जनवरी को केद्र सरकार को भेजा जाएगा जिस पर आगामी 19 जनवरी को पूर्व बजट विचार विमर्श कमेटी में भी चर्चा की जाएगी। उनका प्रयास रहेगा कि केंद्र सरकार से वर्ष 2011-12 के बजट में हरियाणा के लिए अधिक से अधिक परियोजनाएं शामिल करवाएंगे।
    सिंचाई विभाग से संबंधित अन्य प्रश्र के जवाब में उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य बटवारे को लेकर बताया कि विभाग के पास निर्माण कार्य से संबंधित अधिकारियों से जलसेवाओं से संबंधित कार्य लिया जाएगा जिससे विभाग का कार्य सुचारु रुप से चल पाएगा और कार्यों में गुणवत्ता भी आएगी। उन्होंने कहा कि भाखड़ा मेन लिंक कनाल की सफाई भी करवाई जाएगी जिससे टेल पर पडऩे वाले जिलों को और अधिक पानी मिलेगा। उन्होंने हांसी बुटाना लिंक नहर के बारे में बताया कि नहर में जल्दी ही पानी छोडऩे का कार्य किया जाएगा क्योंकि केंद्र स्तर पर सी.डब्ल्यू.सी ने माना है कि तकनीकी कारणों से नहर का निर्माण कार्य बिल्कुल सही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नहर के बनने से सिरसा जिला के लोगों को सिंचाई के पानी से संबंधित किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी।
    इस मौके पर सांसद डा. अशोक तंवर, पूर्व सिंचाई मंत्री श्री जगदीश नेहरा, उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन, अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी, कुलदीप गदराना सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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