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26 March 2017

गौ सेवा और पंचगव्य सेवन करने से आसुरी स्वभाव समाप्त : डॉ. स्वामी दिव्यानंद भिक्षु

सिरसा। तपोवन हरिद्वार से आए डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज ने चौ. देवीलाल गौशाला में गौ गोपाल भक्ति कथा अमृत प्रवाह के पंचम दिन गौ सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति का अच्छा बुरा स्वभाव ही उसका व्यवहार बनकर अच्छे या बुरे समाज का कारण बनता है। यदि स्वभाव आसुरी है तो व्यवहार में अपराध आ जाएगा। शास्त्र स्वभाव बदलने की बात करते हैं तो सरकारें अपराधमुक्त समाज बनाने के लिए कानून बनाती हैं लेकिन अपराधी व्यक्ति वहां भी कानून से बचने के उपाय ढूंढ लेता है। गाय की सेवा करना और गाय द्वारा प्रदत्त पंचगव्य का सेवन करना स्वभाव को सात्विक बनाने का सर्वोत्तम साधन है। संत श्री ने कहा कि यूं कहने को तो वेदों से अच्छी मति मिलती है और गौ पूजन से सदगति मिलती है और देखा जाए तो गाय की सेवा करने से मति और गति दोनों ही प्राप्त हो जाती हैं। गाय को गोबर कृषि को विषैली होने से बचाता है इसलिए भारत की कृषि प्रधान संस्कृति की रक्षक भी गौमाता है और ऋषि संस्कृति को भी गाय ही पुष्ट करती है। गाय की कृपा से व्यक्ति सत्य भाव से भर जाए और आसुरी भाव नष्ट हो जाए तो समाज पाप मुक्त हो सकेगा। इस अवसर पर नरेश ग्रोवर ने 31000, संजीव गर्ग एडवोकेट ने 11000, जोगेन्द्र सेतिया ने 11000, प्रेम महिपाल ने 11000, सरोज गोयल हनुमानगढ़ ने 11000, अमित गुप्ता, रितेश गोयल ने 11000, जगदीश बंसल ने 11000, कुलदीप गर्ग ने 5100 और डॉ. संदीप गुप्ता ने 5100 रुपए देकर गौदान किया। आज संत श्री ने भी स्वयं गौदान किया। कार्यक्रम में प्रधान संजीव जैन एडवोकेट, कश्मीरी लाल नरुला संरक्षक, उपप्रधान पृथ्वी चंद बड़ोपलिया, मंच संचालक धर्मपाल मेहता, कृष्ण गर्ग, सुमन मित्तल, पवन गोयल, अतुल गोयल, कैलाश सर्राफ, दर्शन मेहता, रोहन गोयल, डॉ. अश्विनी कांसल, डॉ. पुरुषोत्तम बांसल, वीरेन्द्र बाहिया, एलडी मेहता, डॉ. एसपी गर्ग, तरसेम सामा, पंडित कमल शर्मा, वेद भारती, वीरभान सेठी, धर्मपाल बब्बर, सोहन अरोड़ा, जोगेन्द्र नागपाल, बब्बू जैन, गगन खुराना, राधेश्याम ङ्क्षसगला, कुंदनलाल नागपाल, दीपू गर्ग, रामबिलास धानुका सहित बड़ी संख्या में गौभक्त मौजूद थे। समापन अवसर पर प्रतिदिन अमरनाथ सेवा समिति की ओर से भोजन के रुप में लंगर प्रसाद वितरित किया गया।

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