. ओढ़ां
गांव रिसालियाखेड़ा के पूर्व सरपंच आसाराम सुथार ने अपने पौत्र श्यामसुंदर की शादी में शगुन के रूप में एक नारियल व एक रूपया लेकर बिरादरी के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है जो कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। यह जानकारी देते हुए समाजसेवी ओमप्रकाश ने बताया कि श्यामसुंदर की शादी संगरिया के निकट स्थित गांव खाराखेड़ा निवासी शंकर लाल धामू की पुत्री सोनिया के साथ सम्पन्न हुई है। इस शादी के उपलक्ष्य में आसाराम सुथार के परिजनों ने गांव की गऊशाला व धार्मिक स्थलों को दान भी दिया है। गांव के सरपंच प्रतिनिधि साहबराम कुलरिया, गऊशाला के प्रबंधक ओपी चौधरी, सचिव ओमप्रकाश रामगढ़, मंदिर के प्रधान जगदीश सिलग व सुथार समाज के पूर्व प्रधान पृथ्वीराज कुलरिया सहित अनेक गांववासियों ने उनकी इस पहल को एक अच्छी शुरूआत बताया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सुथार समाज में रस्म पगड़ी के अवसर पर मिठाई न बनाने का भी निर्णय लिया है।
गांव रिसालियाखेड़ा के पूर्व सरपंच आसाराम सुथार ने अपने पौत्र श्यामसुंदर की शादी में शगुन के रूप में एक नारियल व एक रूपया लेकर बिरादरी के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है जो कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। यह जानकारी देते हुए समाजसेवी ओमप्रकाश ने बताया कि श्यामसुंदर की शादी संगरिया के निकट स्थित गांव खाराखेड़ा निवासी शंकर लाल धामू की पुत्री सोनिया के साथ सम्पन्न हुई है। इस शादी के उपलक्ष्य में आसाराम सुथार के परिजनों ने गांव की गऊशाला व धार्मिक स्थलों को दान भी दिया है। गांव के सरपंच प्रतिनिधि साहबराम कुलरिया, गऊशाला के प्रबंधक ओपी चौधरी, सचिव ओमप्रकाश रामगढ़, मंदिर के प्रधान जगदीश सिलग व सुथार समाज के पूर्व प्रधान पृथ्वीराज कुलरिया सहित अनेक गांववासियों ने उनकी इस पहल को एक अच्छी शुरूआत बताया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सुथार समाज में रस्म पगड़ी के अवसर पर मिठाई न बनाने का भी निर्णय लिया है।
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