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18 February 2017

वार्षिक परीक्षाओं के नजदीक प्रशिक्षण शिविर औचित्यहीन : विजय शर्मा

ओढ़ां
प्राथमिक शिक्षा के प्रति विभाग व राज्य सरकार कितनी सजग है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विद्यालयों में वार्षिक परीक्षाएं सिर पर हैं और राज्य शैक्षिक अंनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, गुरूग्राम द्वारा प्राथमिक अध्यापकों को प्रशिक्षण शिविरों के नाम पर विद्यालयों से दूर रखने का फरमान जारी कर दिया गया है। विभाग के इस कदम पर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कड़ा एतराज जताया है तथा विभाग से अपील की है कि ये प्रशिक्षण शिविर स्थगित करके मई माह में आयोजित किए जाएं।
संघ के जिला प्रधान विजय शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग प्राथमिक शिक्षकों को पूरे सत्र के दौरान गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रखता है तथा अर्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं के नजदीक प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करके ताबूत में आखरी कील ठोकने का काम करता है। सितंबर माह में अर्धवार्षिक परीक्षाओं से पूर्व भी अधिगम संवर्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत जुलाई माह के अंतिम सप्ताह से लेकर सितंबर के दूसरे सप्ताह तक प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया व इसी दौरान अध्यापकों को ऑन लाईन तबादलों के लिये एमआईएस पोर्टल पर अपने अपने प्रोफाईल पूरे करने व तबादलों के विकल्प भरने में व्यस्त रखा गया। अर्थात लगभग तीन माह तक विद्यालयों में शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित रहा। इस दौरान आयोजित किए गए प्रशिक्षण शिविर भी पूरी तरह से उद्देश्य विहीन होकर रह गए क्योंकि सितंबर के तीसरे सप्ताह में ही लगभग 90 प्रतिशत प्राथमिक शिक्षकों के तबादले कर दिए गए तथा जिन अध्यापकों को तबादलों से पहले जिन कक्षाओं का प्रशिक्षण दिया गया था, नए विद्यालयों में जाने के बाद लगभग सभी शिक्षकों की कक्षाएं बदल गईं और प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो गया।
विभाग ने एक बार फिर वार्षिक परीक्षाओं के नजदीक आते ही तथा सत्र समाप्ति से कुछ दिन पहले फिर से इन प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करने का निर्णय लिया है जो पूरी तरह से औचित्यहीन है। तार्किक दृष्टि से देखें तो भी ये प्रशिक्षण शिविर केवल सत्र के अन्त में विभाग के  पास बची राशि को किसी न किसी प्रकार से खर्च भर करने का प्रयास है क्योंकि जो अध्यापक मौजूदा सत्र में जिन कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं, इन शिविरों में उन्हीं कक्षाओं को पढ़ाने हेतु उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा और शिविर समाप्ति के कुछ दिन बाद नया सत्र आरम्भ होते ही अध्यापकों की कक्षायें फिर से बदल जाएंगी और ऐसे में प्रशिक्षण शिविर एक बार पुन: अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर पायेंगे। संघ के जिला प्रधान ने कहा कि विभाग को इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर केवल मई माह में ही आयोजित करने चाहिए।

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