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22 March 2017

गाय का वैदिक ज्ञान होगा तभी गाय के प्रति सम्मान होगा : डॉ. स्वामी दिव्यानंद भिक्षु

सिरसा। भारतीय धर्म संस्कृति के त्रिकालक्ष आचार्यों ने गौ सेवा से बढ़कर और किसी भी धर्म को श्रेष्ठ नहीं बताया। इसलिए हमें गौवंश संरक्षण के लिए सदैव पुरुषार्थ करते हुए गौ हत्या जैसे घृणित दुष्कर्म का विरोध करना चाहिए और इस धर्म पारायण भारत वर्ष से गौ हत्या जैसे कलंक को मिटाने के लिए कृतसंकल्प हो जाना चाहिए।
किसी भी रुप में गौ सेवा जैसे पवित्र धर्म का पालन करना चाहिए। गाय का व्यवहारिक और वैदिक शास्त्रीय स्वरुप क्या है यह जानने के लिए ही गौकथा का आयोजन किया जाता है क्योंकि गाय का वैदिक ज्ञान होगा तभी गाय के प्रति सम्मान बढ़ेगा और हम श्रद्धा से गौ सेवा मार्ग का अनुसरण कर सकेंगे। चौ. देवीलाल गौशाला सिरसा में आयोजित गौ कथा का शुभारंभ करते हुए तपोवन हरिद्वार से पधारे पूज्य चरण गीता व्यास डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने यह संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि गौसेवा जैसी साधना केवल भाव के आवेश में जोश में ही नहीं हो पाएगी इसके लिए सेवक को विवेकी होना चाहिए। गाय प्राणवान है, ऊर्जावान है इसके रखरखाव में पूरी सूझबूझ की जरुरत है। जैसे अपने घरों में सभी सदस्यों का ख्याल रखा जाता है खाली उन्हें भोजन नहीं समय-समय पर औषधि आदि के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों के पास भी भेजना होता है इसी प्रकार गायों को केवल चारा ही नहीं अन्य वस्तुओं की जलवायु के अनुरूप आवश्यकता पड़ती है इन सभी को गौ ग्रास कहा जाता है। केवल गुड़, दलिया या चारा आदि ही गौ ग्रास नहीं होता। यह भी ध्यान रहे कि गाय स्वस्थ रहेगी तो हमें भी गाय से संपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे। इसे स्वार्थ नहीं समझना यह सहज ही गौमाता की कृपा प्रसाद को स्वीकार करना चाहिए। आज इस अवसर पर भव्य गौदान कार्यक्रम वैदिक विधि से हुआ तथा मुख्य रुप से मा. रोशन लाल गोयल, पृथ्वी चंद बड़ोपलिया, कृष्ण गुप्ता फैशन कैंप, कश्मीरी लाल नरुला, विनोद जैन, केके शर्मा, संदीप फर्नीचर वाले, पवन कुमार मित्तल, सतपाल जिंदल, पवन गर्ग, सुरेश सिडाना, निपुण आहूजा, सागर गर्ग आदि ने गौदान किया। कार्यक्रम में गौशाला के प्रधान एडवोकेट संजीव जैन, कृष्ण गर्ग, जोगेन्द्र नागपाल, धर्मपाल मेहता, कुंदनलाल नागपाल, तरसेम सामा, विपिन मेहता, सन्नी बंसल, विनीत गर्ग, सुशील शर्मा, संदीप गर्ग, बंटी खुराना सहित बड़ी संख्या में गौ भक्त सपरिवार उपस्थित थे।

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