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13 January 2014

हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी


हरियाणा के बिजली निगमों ने वित्त वर्ष 2014-15 में बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी न करने का फैसला लिया है। यह फैसला बिजली निगमों ने जनता के विरोध के चलते लिया है।

वर्तमान बिजली दर मार्च 2015 तक लागू रहेगी, लेकिन फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (एफएसए) पर विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है। हालांकि अधिकारियों ने रविवार को बिजली सप्लाई बढ़ाने और बिजली मीटरों की सही रीडिंग का भी दावा किया।

अधिकारियों ने दावा किया पड़ोसी राज्यों ने करीब 10 फीसदी बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव दिए हैं। इसके अलावा हरियाणा ने अपनी वित्तीय पुनर्गठन योजना में भी वर्ष 2014-15 में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं रखा है।

यह जानकारी यहां पत्रकारों से बातचीत में बिजली विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि विभाग पूरा प्रयास कर रहा है कि इस बार भी गर्मियों में बिजली की आपूर्ति अधिक से अधिक की जाए।

उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों के बिजली विभागों के अधिकारियों से बातचीत के माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक अप्रैल, 2014 से पंजाब में 11 फीसदी, दिल्ली में 10 फीसदी, राजस्थान में 13 फीसदी, उत्तर प्रदेश में घरेलू 20 फीसदी और अन्य में 10 फीसदी, बिहार में 50 फीसदी, कर्नाटक में 10 फीसदी और आंध्र प्रदेश में 25 फीसदी की बढ़ोत्तरी संभावित है। इन राज्यों की तुलना में हरियाणा में अधिकतर उपभोक्ताओं को वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान कम टैरिफ में बिजली उपलब्ध होगी।

देवेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा में लाइन लास की दर अपेक्षाकृत ज्यादा होने के बावजूद बिजली की दरें पड़ोसी प्रदेशों के मुकाबले कम हैं। हरियाणा में वर्ष 2013-14 के लिए स्वीकृत लॉसिज 25 फीसदी हैं, जबकि दिल्ली और पंजाब में मात्र 15 फीसदी हैं। 10 फीसदी कम घाटे के स्तर पर भी पंजाब और दिल्ली में दरें हरियाणा के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा हैं।

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