Loading

13 January 2014

पांच ऐप्लिकेशन, जिनके बिना अधूरी सी है ज़िंदगी

mobile indian, five must have apps

अगर कोई यह सवाल करे कि लाखों ऐप्स के सागर से कोई पांच ऐसी ऐप्स बताई जाएं, जिनके बिना ज़िंदगी चलनी मुश्किल हो जाएगी, तो ये काम आसान नहीं होगा।

इसकी वजह यह है कि अलग-अलग ज़रूरतों के मुताबिक़ अलग-अलग ऐप्स ज़रूरी लग सकती हैं। लेकिन कुछ बुनियादी चीज़ें ऐसी हैं, जिनके बिना आज के दौर में जीवन ही कठिन लगता है।

स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग इस बात से इत्तेफ़ाक़ करेंगे कि जितनी ऐप्स हम डाउनलोड करते हैं, उतनी इस्तेमाल नहीं करते और इनमें से कई बाद में डिलीट करने से भी नहीं हिचकिचाते।

फ़ोन में बस जाने वाले ऐप्स
लेकिन कुछ ऐप्स ऐसे हैं, जो मोबाइल में घर बनाने के बाद कई महीनों तक हमारी ज़रूरतें पूरी करते हैं और हमेशा के लिए हमारे फ़ोन में बस जाते हैं।

मोबाइल इंडियन: मोबाइल ऐप्स, बोले तो जादू का पिटारा!

ऐसे ऐप्स में सबसे पहले नंबर आता है ईमेल ऐप का। संचार की दुनिया में ईमेलिंग की क्या अहमियत है, यह बताने की ज़रूरत नहीं है।

स्मार्टफ़ोन पर ईमेल ऐप डाउनलोड कीजिए, उसे ईमेल अकाउंट से जोड़िए और बस, बार-बार कंप्यूटर का मुंह ताकने से आपको मिल जाएगी छुट्टी।

जानकार भी इस ऐप को काफ़ी अहमियत देते हैं। वरिष्ठ तकनीकी पत्रकार निमिष दुबे का कहना है, "मैं साल 2006 से मोबाइल ऐप इस्तेमाल कर रहा हूं और अब तक सैकड़ों ऐप्लिकेशन का रिव्यू भी किया है। लेकिन मैं जीमेल, गूगल मैप, डॉक्यूमेंट टू गो, ओपेरा मिनी, और सोशल नेटवर्किंग ऐप्स (फेसबुक/ट्विटर) के बिना नहीं रह सकता हूं।"

जो ऐप्स दुबे ने बताई, उनमें ईमेल ऐप, नेविगेशन, ऑफ़िस ऐप, वेब ब्राउज़र और सोशल मीडिया से जुड़ा मसाला रखती हैं। इस बीच बीते कुछ साल में स्मार्टफ़ोन यूज़र के दिलोदिमाग़ पर छाई इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप्स ने संदेश भेजने के नियम ही बदल दिए।
mobile apps













और तो और लोगों ने मोबाइल से मैसेज करना कम कर दिया हैं। दौर कुछ यूं चला कि वॉट्सऐप न रखने वाले लोग पिछड़ों में गिने जाने लगे।

गेमिंग ऐप्स

यूं तो गेम्स के ऐप भी ख़ूब डाउनलोड किए जाते हैं, लेकिन एंटरटेनमेंट की दुनिया बदलती रहती है और यूटिलिटी का जीवनकाल लंबा है।

मोबाइल इंडियन: क्या ऐप बचा सकती है लड़की की आबरू?


बिज़नेस इनसाइडर के एडिटोरियल हेड सुलभ पुरी का कहना है, "मेरे स्मार्टफोन में फ़िलहाल 15 ऐप्लिकेशंस मौजूद हैं, जिनमें गेम्स ऐप्स भी शामिल हैं। हालांकि, मैं इन्हें इस्तेमाल करके पसंद-नापसंद के हिसाब से हटाता रहता हूं।

लेकिन जीमेल, फ़ेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और बीबीएम के बिना गुज़ारा नहीं चलता।"

कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे से बात कर लीजिए, आईटी कंपनी के एग्ज़िक्यूटिव या फिर वक़्त के साथ क़दमताल करने वाले अधेड़ उम्र के शख्स से, कुछ ऐसी ऐप्स हैं, जो आपको इन सभी के स्माटफ़ोन में मिल जाएंगी।

अगर बात की जाए पांच ऐप्स की, जिनके बिना ज़िंदगी अधूरी है, तो उनमें जीमेल (ईमेल ऐप), फ़ेसबुक/ ट्विटर (सोशल नेटवर्किंग ऐप्स), वॉट्सऐप (इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप), ऑपेरा मिनी (ब्राउजर) और एक न्यूज़ ऐप को गिना जा सकता है।

No comments:

Post a Comment