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21 January 2011

मुर्राह संरक्षण विकास योजना के तहत 278 भैंसों की पहचान

सिरसा,
           पशुपालन विभाग द्वारा सिरसा जिला में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उदे्दश्य से मुर्राह संरक्षण विकास योजना के तहत 278 भैंसों की पहचान की जा चुकी है। विभाग द्वारा पशु के अधिक दूध देने की मात्रा के आधार पर भैंस पालकों को अब तक 27 लाख रुपए की राशि ईनाम के तौर पर दी जा चुकी है।
    यह जानकारी देते हुए उपायुक्त श्री सी जी रजिनीकांथन ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुर्राह संरक्षण विकास योजना के सिरसा जिला में उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं। गत वर्ष सिरसा जिला के हजारों किसानों को दूध के मूल्य की 87 करोड़ रुपए की राशि स्थानीय मिल्क प्लांट द्वारा वितरित की गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक दुग्ध उत्पादक किसानों को 70 करोड़ रुपए की राशि दूध के मूल्य के रूप में प्राप्त हो चुकी है जो पशुपालक नियमित तौर पर दूध वितरण का कार्य करते हैं उनके आंकड़े इससे भी अधिक हैं इसलिए इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि दूध उत्पादन का कार्य सिरसा जिला में पशुपालकों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है।
        उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस व्यावसाय को और अधिक बढ़ाने के लिए पशुपालन के क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने बताया कि मुर्राह संरक्षण विकास योजना के तहत 13 किलोग्राम से 16 किलोग्राम प्रतिदिन दूध देने वाले पशु के मालिक को पांच हजार रुपए की राशि, 16 से 19 किलोग्राम दूध देने वाले पशु के मालिक को 10 हजार रुपए की राशि तथा 19 किलोग्राम से अधिक दूध देने वाले पशु मालिक को 15 हजार रुपए की राशि विभाग द्वारा ईनाम के रूप में दी जाती है।
    उन्होंने बताया कि मुर्राह नस्ल को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा दुग्ध उत्पादन के लिए पहचान की गई भैंसों के कटड़े भी खरीदे जा रहे हैं। सिरसा जिला में अभी तक 12 कटड़ों की खरीद करके हिसार के पशु फार्म में भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पशुधन बीमा योजना भी शुरू की गई है। इस योजना के तहत जिला में अब तक 3568 दुधारू पशुओं का बीमा किया जा चुका है जिनकी प्रीमियम की 19 लाख रुपए की राशि विभाग द्वारा वहन की गई है। इन पशुओं में अनुसूचित जाति के पशुपालकों के 1023 पशुओं का बीमा निशुल्क किया गया है जिन पर विभाग द्वारा 7 लाख 60 हजार रुपए की राशि प्रीमियम के रूप में खर्च की गई है। इसी प्रकार से सामान्य जाति के पशुपालकों के 1698 पशुओं का बीमा किया गया जिनके बीमे के प्रीमियम की 9 लाख रुपए की राशि विभाग द्वारा वहन की गई। पशुधन बीमा योजना के तहत पशु का बीमा करवाने के लिए सामान्य जाति के पशुपालकों को केवल मात्र प्रीमियम की 25 प्रतिशत राशि देनी होती है।
     पशु पालन विभाग के उप निदेशक डा0 सुशील गोदारा ने बताया कि विशेष पशुधन बीमा योजना के तहत अनुसूचित जाति के परिवारों के हर प्रकार के पशुओं का बीमा निशुल्क किया जाता है। विभाग द्वारा बहडिय़ों, झोटी, दुधारू गाय, भैंस, भेड युनिटों, बकरी युनिटों व सुअर युनिटों का बीमा मुफ्त किया जा रहा है। इन पशुओं के बीमे के प्रीमियम पर 3 लाख रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है जिससे सात सौ से भी अधिक पशु युनिटों का बीमा किया गया है।
    डा सुशील गोदारा के अनुसार मुर्राह नस्ल को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न केन्द्रों से जिला के 21 गांवों की पंचायतों द्वारा झोटे भी खरीदे गए हैं। विभागीय स्कीम के तहत मुर्राह नस्ल के झोटे पंचायतों को रियायती मूल्य यानि 2000 रुपए प्रति झोटा दिया जाता है। इन पंचायतों में खाजाखेड़ा, रोड़ी, बणी, बग्गी ढाणी, ढाणी रामपुरा, रसूलपुर, मलिकपुरा, मसीतां, तेजाखेड़ा, मौजदीन, जण्डवाला बिश्रोइयां, ताजियाखेड़ा, कोटली, सिकन्दरपुर आदि शामिल हैं।

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