पशुपालन को व्यवसाय के रुप में अपनाकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है महिलाएं - बिमला सिंवर
सिरसा, 2 फरवरी
लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार की ओर से खंड नाथुसरी चौपटा में 10 एकड़ भूमि उपलब्ध होने पर पशुओं का रिर्सज सैंटर खोला जाएगा। इसके खुलने से आस पास के गांव के लोगों के लोगों को लाभ पहुंचेगा।
उक्त जानकारी मुख्य अतिथि लाला लाजपत राय विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति मै. जनरल श्रीकांत ने विश्वविद्यालय की ओर से गांव लुदेसर में महिलाओं का तीन दिवसीय पशुपालन प्रशिक्षण शिविर में दी। इस प्रशिक्षण शिविर में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस शिविर का लगभग 50 महिलाओं ने लाभ उठाया व प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर गांव लुदेसर में स्थापित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से खंड नाथुसरी चौपटा में 10 एकड़ भूमि उपलब्ध होने पर पशुओं का रिर्सज सैंटर खोला जाएगा। उन्होंने पशुपालन के महत्व एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिविर में अच्छी नस्ल के पशुओं के महत्व को बताया तथा पशुओं में होने वाले रोग के नुकसान एवं बचाव की जानकारी दी। इस अवसर पर पशु प्रजनन, पशुओं के टीकाकरण, पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर उससे आमदनी बढ़ाने की जानकारी दी।
विटा मिल्क प्लांट की महिला उत्थान अधिकारी श्रीमती बिमला सिंवर ने शिविर में आई हुई महिलाओं को पशुओं के स्वास्थ्य, प्लांट में रजिस्टर्ड सरस्यों के लिए चलाई जा रही योजनाएं जैसे कौशल कन्या योजना, प्लांट से जुड़े दुग्ध उत्पादकों के बच्चों के परीक्षाओं में अच्छे अंक आने पर उन्हें 2100 से लेकर 5100 रुपये की छात्रवृति तथा 5 लाख रुपये का दूर्घटना बीमा बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं पशुपालन को व्यवसाय के रुप में अपना कर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें मुनाफा मिलना स्वाभाविक ही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की योजनाओं के द्वारा लोन लेकर पशुपालन का रोजगार शुरू कराया जा सकता है।
इस अवसर पर डा. सुधीर नंदन, डा. रविंद्र ने पशुओं की बीमारी एवं उनके रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डा. बी.एस. श्योकंद ने पशुओं की देखरेख, दूध को कैसे बढ़ाया जाए, पशुओं के लिए संतुलित आहार बारे विस्तार पर पूर्वक जानकारी दी गई।
इस अवसर पर सरपंच योगेश गाट, अर्चना, भाजपा नेता विनोद नागर, रमेश गाट, राय सिंह, डा. पवन चीमा, चोखा राम सहित भारी संख्या में ग्रामीण महिलाएं व पुरुष उपस्थित थे।
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