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28 March 2017

नवसंवत पर डेरा बाबा सरसाई नाथ में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

श्रद्धालुओं ने नवाया शीश, मांगी मनोकामनाएं
सिरसा। नवसंवत 2074 के शुभागमन पर मंगलवार को सिरसा शहर के संस्थापक बाबा सरसाई नाथ के डेरा में विशाल मेला व भंडारे का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने बाबा की समाधि पर शीश नवाकर सुख समृद्धि की कामना की। वहीं भजन मंडली के कलाकारों ने बाबा की महिमा का गुणगान किया।
नवसंवत के अवसर पर डेरा बाबा सरसाईनाथ में आयोजित भंडारे को लेकर भव्य सजावट की गई थी। सैकड़ों सेवादार व्यवस्था बनाने में जुटे हुए थे। महिलाओं व पुरूषों के लिए आने जाने के अलग अलग रास्ते बनाए गए हैं। परशुराम चौक मार्ग तथा बेगू रोड पर भगवा रंग के झंडे फहरा रहे थे व विद्युत चालित लडिय़ां जगमगा रही थी। सुबह सवेरे से ही श्रद्धालुओं का डेरा में आना शुरू हो गया जो मध्य रात्रि तक जारी रहेगा। श्रद्धालुओं ने बाबा की समाधि पर भगवा रंग की चादर, प्रसाद आदि चढ़ाकर मन्नत मांगी। विभिन्न भजन मंडली के कलाकारों ने बाबा की महिमा का गुणगान किया। डेरा के महंत बाबा सुंदराईनाथ ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद से लाभांवित किया। उन्होंने कहा कि यहां सबकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा यहां सभी धर्मों के लोग आकर बाबा की समाधि पर माथा टेकते हैं। उन्होंने कहा कि सिरसा नगरी बाबा सरसाईनाथ ने बसाई थी, जिसकी नींव नवसंवत के अवसर पर रखी गई थी। इसलिए नवसंवत पर जिलावासी यहां सपरिवार आकर शीश नवाते हैं और बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को मंदिर की प्रसाद वितरण समिति की ओर से चूरमे का प्रसाद वितरित किया गया। 

भाईचारे का संदेश देता है डेरा बाबा सरसाईनाथ:
सिरसा का नाम बाबा सरसाईनाथ के नाम से अलंकृत हुआ। नाथ समुदाय से जुड़े यह ऐतिहासिक डेरा बेगू रोड पर स्थित है, जहां चेत्र मास की प्रतिपदा यानि नवसंवत के उपलक्ष्य में हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें सिरसा ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों से हजारों लोग आते हैं और बाबा की समाधि पर शीश नवाते हैं। 
डेरा बाबा सरसाईनाथ के महंत सुंदराईनाथ का कहना है कि डेरा मुगलकालीन है। यहां मुगल शहंशाह शाहजहां के बेटे दारा शिकोह को जीवनदान मिला था जिसके बाद मुगल बादशाह ने डेरे में भव्य गुंबद का निर्माण करवाया, जो आज भी ज्यों का त्यों हैं। महंत सुंदराईनाथ ने बताया कि नवसंवत पर सिरसावासी बाबा की समाधि पर शीश नवाते हैं और मनोकामनाएं मांगते हैं। डेरा प्रेम व भाईचारे का संदेश देता है तथा यहां हर धर्म के लोग आते हैं।

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