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27 March 2017

पौराणिक पद्धति पर शिक्षा के लिए सिरसा में गुरुकुल शुरू करेगा भारत न्यास

उद्घाटन समारोह 28 मार्च को, समारोह को लेकर बैठक में की तैयारियों पर चर्चा, वैदिक मैथ, योग शिक्षा सहित भारतीय संस्कृति के संस्कार सिखाए जाएंगे, अहमदाबाद के गरुकुल की तर्ज पर सिरसा में शुरू होगा उत्तर भारत का पहला गुरुकुल

सिरसा
भारतीय संस्कृति से लगातार दूर हो रहे विद्यार्थियों को अब पौराणिक पद्धति पर आधारित शिक्षा और संस्कार देने के लिए सिरसा में गुरूकुल शुरू होगा। सामाजिक संस्था स्वदेशी से स्वाबलंबी भारत न्यास की ओर से गांव द्योत्तड़ में शहीद राजीव दीक्षित ज्ञानभूमि गुरुकुलम शुरू करने का फैसला लिया गया है। 28 मार्च से शुरू होने वाले गुरुकुल के लिए तैयारियां हो चुकी हैं और शिक्षक भी अहमदाबाद से बुलाए गए हैं ताकि गुरुकुल के वास्तविक उद्देश्यों को हासिल किया जा सके।
शहर में आर्थिक रूप से परिवारों के आउट ऑफ स्कूल रहने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग से शिक्षा देने से शुरुआत करने वाली संस्था स्वदेशी से स्वाबलंबी भारत न्यास ने अब गुरुकुल शुरू करने का फैसला किया है। गुरुकुल में आधुनिक शिक्षा से दूर पुरानी गुरुकुल पद्धति पर ही शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। मोबाइल, टीवी, इंटरनेट के आधुनिक समाज से दूर गुरुकुल में विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से जुड़ी शिक्षा दी जाएगी। इनमें वैदिक मैथ, योगा, अध्यात्म के अलावा हालांकि हिंदी, संस्कृत, पंजाबी और अंग्रेजी शिक्षा भी शामिल होगी। 9वीं तक गुरुकुल में शिक्षा के बाद हालांकि 10वीं के लिए विद्यार्थियों के पास ओपन बोर्ड से आगे की पढ़ाई कराई जाएगी। ताकि वे भारतीय संस्कृति से रू-ब-रू होने के बाद 10वीं कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। 10वीं के बाद विद्यार्थी किसी भी फील्ड की पढ़ाई के लिए कोर्स में जाने के लिए पूरी तरह तैयार और योग्य होंगे। ज्ञान भूमि गुरुकुलम गांव द्योत्तड़ में 28 मार्च से शुरू होगा। इस स्कूल में अभी तक 15 से अधिक विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन भी हो चुका है जबकि पहले सत्र में सीटें केवल 30 रखी गई हैं।

अहमदाबाद के गुरूकुल की तर्ज पर शुरू होगा गुरुकुलम, शिक्षक भी होंगे बाहर से
संस्था की अध्यक्षा नीरज बताती हैं कि यह गुरुकुल पूरी तरह गुरुकुल पद्धति पर ही चलेगा। नीरज कहती हैं कि गुरुकुल में दिल्ली, अहमदाबाद के अलावा अन्य स्थानों से पुस्तकें मंगवाई जाएंगी। संस्था के सचिव वीरेंद्र नागपाल का कहना है कि संस्था के सदस्य रविंद्र का गांव में प्राईमरी स्कूल था जिसे बंद करके अब उन्होंने उसी बिल्डिंग में गुरुकुल के लिए स्थान दिया है। बिना लाभ-हानि को ध्यान में रखते हुए फीस का निर्धारण किया गया है। उन्होंने बताया कि गुरुकुल में संगीत की शिक्षा भी दी जाएगी।

सिरसा के 6 परिवार जाएंगे अहमदाबाद का गुरुकुल देखने
जिन परिवाराें काे गुरुकुल पद्धति को लेकर जिज्ञासाएं हैं, उनमें से 6 परिवार के सदस्य अहमदाबाद का गुरुकुल देखने अप्रैल महीने में जाएंगे। संस्था के कैशियर रमेश सोनी और वीरेंद्र नागपाल का दावा है कि गुरुकुल के विद्यार्थी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोड के विद्यार्थियों को किसी भी प्रतियोगिता में टक्कर देने में भी पूरी तरह सक्षम होते हैं। आज के अधिकतर विद्यार्थियों को यह भी मालूम नहीं है कि प्याज जमीन पर उगता है या पौधे पर लगता है। गुरुकुल में विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया जाएगा। उन्हें हाथ से करने वाले काम भी सिखाए जाएंगे ताकि भविष्य में केवल नौकरी के लिए ना भटकें।

उद्घाटन समारोह को लेकर बैठक आयोजित, बनाई रणनीति
28 मार्च को गुरुकुल के उद्घाटन समारोह को लेकर संस्था के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में सभी पदाधिकारियों ने विचार-विमर्श किया और कोर कमेटी का भी गठन किया। स्वामी विवेकानंद भवन चोपड़ा वाली गली आयोजित मीटिंग में सदस्यों ने कार्यक्रम को लेकर रणनीति बनाई। इस अवसर पर संचालन समिति बनाई गई। गुरुकुल संचालन की समिति में डॉ. राम चतुर्वेदी, द्रोणाचार्य जी, सतीश मेहता जी, विनोद सोनी, रविन्द्र, मनोज भारत, संदीप, राजेश बहुगुणा जी को शामिल किया गया है। गुरुकुल के शुभारम्भ कार्यक्रम में संघ के जिला संघ चालक डॉ. सुरेन्द्र मल्होत्रा बतौर मुख्यातिथि, अंतरराष्ट्रीय स्तर के वनजलीवादक काशीनाथ और जल बचाओ अभियान के स्टार प्रचारक रमेश गोयल जी अध्यक्ष के तौर पर शामिल होंगे।

जारीकर्ता मनोज भारज
मोबाइल: 8569911199

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