सिरसा, 10 फरवरी। हरियाणा में शीघ्र ही राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा पीडि़त बच्चों के लिए 'चाइल्ड हैल्पलाईन शुरु की जाएगी, जिसका 1098 टोल फ्री नंबर होगा। यह बात हरियाणा बाल कल्याण परिषद की अवैतनिक महासचिव श्रीमती इंदू दहिया ने स्थानीय बाल भवन में विशेष बच्चों को पुरुस्कार वितरित करने के पश्चात उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी ने की। कार्यक्रम में नगराधीश श्री एच.सी भाटिया चंडीगढ़ से आए अडोप्शन अधिकारी श्रीमती पूनम व शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त 1098 टोल फ्री नंबर पर राज्य का कोई भी बच्चा अपनी समस्या के बारे में बता सकेगा। जैसे ही पीडि़त बच्चों की परिषद को सूचना मिलेगी, तत्काल उस बच्चे की सहायता के लिए पहुंचा जाएगा। शुरुआती दौर में यह चाइल्ड हैल्पलाईन करनाल, फरीदाबाद, यमुनानगर व पानीपत जिले में शुरु की जाएगी। इन सेवाओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों को रखा जाएगा ताकि पीडि़त बच्चे की हर प्रकार से सहायता की जा सके। इन जिलों में चाइल्ड केयर सैंटर भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे आवश्यकता पडऩे पर बच्चों को इन सैंटरों में रखा जा सके।
श्रीमती दहिया ने कहा कि राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा बाल कल्याण में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लाईफ मैंबर बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। पूरे प्रदेश में 525 से भी अधिक लाईफ मैंबर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक जिले के लिए 25-25 लाईफ मैंबर बनाने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने आज सिरसा में नए बने लाईफ मैंबर को सम्मानित भी किया। उन्होंने बताया कि बाल कल्याण परिषद द्वारा बच्चे गोद देने का कार्यक्रम भी शुरु किया गया है। इसके लिए पंचकूला में शिशु गृह बनाया गया है। अब तक इस शिशु गृह से 294 बच्चों को गोद दिया जा चुका है जिनमें 216 बच्चों को देश में ही और 78 बच्चों को विदेशों में गोद दिया गया है। जो भी लावारिस बच्चें प्रदेश में कहीं भी मिलते है तो उन्हें पंचकूला के शिशु गृह में रखा जाता है। उसके बाद पूरी कानूनी प्रक्रिया को अपनाकर बच्चों को गोद दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि बाल कल्याण परिषद से प्रदेश में 0-14 आयु वर्ग के हजारों बच्चें जुड़े है जिनके लिए अलग-अलग जिलों में कई प्रकार के कल्याणकारी कार्यक्रम चलाकर उन्हे लाभांवित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण परिषद पूरे प्रदेश में एक एनजीओ के रुप में कार्य करती है इसलिए समाज के लोगों को इस संस्था से ज्यादा से ज्यादा जुड़कर बाल कल्याणा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने आज यहां स्ट्रीट चिल्ड्रन प्रोजेक्ट के तहत पढ़ रहे बच्चों और प्रयास स्कूल के बच्चों को वजीफा वितरित किया। इस कार्यक्रम में जिला बाल कल्याण अधिकारी श्रीमती कमलेश चाहर ने जिला स्तर पर चलाई जा रही बाल कल्याण योजना की जानकारी दी और मुख्यातिथि का स्वागत किया। बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर श्रीमती इंदू दहिया ने बाल कल्याण से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं व परिषद के नए बने लाईफ मैंबर को सम्मानित किया। इन लाईफ मैंबर में दलीप कुमार जैन, राजेंद्र कासनियां, आनंद बियानी, संजीव जैन, महावीर जैन, ललित मोहन, तजेंद्र मित्तल, हरदीप सिंह सरकार, राधेश्याम, श्रीमती निर्मल सेठी तथा सुमित रिणवा शामिल थे।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त 1098 टोल फ्री नंबर पर राज्य का कोई भी बच्चा अपनी समस्या के बारे में बता सकेगा। जैसे ही पीडि़त बच्चों की परिषद को सूचना मिलेगी, तत्काल उस बच्चे की सहायता के लिए पहुंचा जाएगा। शुरुआती दौर में यह चाइल्ड हैल्पलाईन करनाल, फरीदाबाद, यमुनानगर व पानीपत जिले में शुरु की जाएगी। इन सेवाओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों को रखा जाएगा ताकि पीडि़त बच्चे की हर प्रकार से सहायता की जा सके। इन जिलों में चाइल्ड केयर सैंटर भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे आवश्यकता पडऩे पर बच्चों को इन सैंटरों में रखा जा सके।
श्रीमती दहिया ने कहा कि राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा बाल कल्याण में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लाईफ मैंबर बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। पूरे प्रदेश में 525 से भी अधिक लाईफ मैंबर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक जिले के लिए 25-25 लाईफ मैंबर बनाने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने आज सिरसा में नए बने लाईफ मैंबर को सम्मानित भी किया। उन्होंने बताया कि बाल कल्याण परिषद द्वारा बच्चे गोद देने का कार्यक्रम भी शुरु किया गया है। इसके लिए पंचकूला में शिशु गृह बनाया गया है। अब तक इस शिशु गृह से 294 बच्चों को गोद दिया जा चुका है जिनमें 216 बच्चों को देश में ही और 78 बच्चों को विदेशों में गोद दिया गया है। जो भी लावारिस बच्चें प्रदेश में कहीं भी मिलते है तो उन्हें पंचकूला के शिशु गृह में रखा जाता है। उसके बाद पूरी कानूनी प्रक्रिया को अपनाकर बच्चों को गोद दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि बाल कल्याण परिषद से प्रदेश में 0-14 आयु वर्ग के हजारों बच्चें जुड़े है जिनके लिए अलग-अलग जिलों में कई प्रकार के कल्याणकारी कार्यक्रम चलाकर उन्हे लाभांवित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण परिषद पूरे प्रदेश में एक एनजीओ के रुप में कार्य करती है इसलिए समाज के लोगों को इस संस्था से ज्यादा से ज्यादा जुड़कर बाल कल्याणा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने आज यहां स्ट्रीट चिल्ड्रन प्रोजेक्ट के तहत पढ़ रहे बच्चों और प्रयास स्कूल के बच्चों को वजीफा वितरित किया। इस कार्यक्रम में जिला बाल कल्याण अधिकारी श्रीमती कमलेश चाहर ने जिला स्तर पर चलाई जा रही बाल कल्याण योजना की जानकारी दी और मुख्यातिथि का स्वागत किया। बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर श्रीमती इंदू दहिया ने बाल कल्याण से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं व परिषद के नए बने लाईफ मैंबर को सम्मानित किया। इन लाईफ मैंबर में दलीप कुमार जैन, राजेंद्र कासनियां, आनंद बियानी, संजीव जैन, महावीर जैन, ललित मोहन, तजेंद्र मित्तल, हरदीप सिंह सरकार, राधेश्याम, श्रीमती निर्मल सेठी तथा सुमित रिणवा शामिल थे।
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