गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति डॉ एमएल रंगा ने आज बसंत पंचमी के शुभावसर पर आज विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी व जनसमूह के साथ जाकर सर छोटू राम चौक पर चौधरी छोटू राम की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए डॉ रंगा ने कहा कि दीनबंधू सर छोटू राम गरीबों और किसानों के मसीहा होने के साथ-साथ एक महान शिक्षाविद् एवं भारतमाता के महान सेवक थे। सर छोटू राम, जिन्होंने सन 1903 में इन्टरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद दिल्ली के अत्यंत प्रतिष्ठित सैंट स्टीफन कॉलेज से सन 1905 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी, यह कॉलेज उस समय में और आज भी पूरे भारत की शैक्षणिक तौर पर अग्रिम पंक्ति की संस्था होने का गौरव रखती है। यही नहीं सन 1905 से 1907 तक उन्होंने हिन्दुस्तान समाचार पत्र में सम्पादन का कार्य भी किया था और फिर उसके बाद उन्होंने आगरा से वकालत की डिग्री हासिल की, इतनी प्रतिकूल परिस्थितयों में भी शिक्षा के उच्च स्तर तक पहुंचना सर छोटू राम की शैक्षणिक लालसा का उदाहरण है। गरीबों और किसानों को उनके हकों की शिक्षा देने के इलावा वकालत के व्यवसाय में आने के बाद भी सर छोटू राम अपने मुव्वकिलों को शिक्षा देना नहीं भूलते थे और इन्हीं सिद्धांतों का पालन करते हुए उन्होंने न केवल अपने पेशे को बल्कि आम जीवन के हर पहलु में बखूबी मुकाम हासिल किया और एक सच्चा शिक्षा शिक्षाविद् होने का परिचय दिया जो कि आज के शिक्षा जगत एवं शिक्षकों के लिए एक प्रेरणास्रोत है। डॉ रंगा ने मुख्यमंत्री चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का विशेष रूप से आभार प्रकट किया जिन्होंने दीनबंधू सर छोटू राम के नाम पर मुरथल स्थित तकनीकी विश्वविद्यालय बनाकर पूरे प्रदेश की तरफ से ऐसे महान शिक्षाविद् का शिक्षा के साथ आजीवन सम्बन्ध बना दिया है जो कि अपने आप में अत्यन्त सराहनीय कदम होने के साथ-साथ हरियाणा सरकार की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रति विशेष लगाव को प्रतिबिम्ब करता है।
डॉ रंगा ने आगे कहा कि आज के दिन इस बात की आवश्यकता है कि हम उस महान देशभक्त को नमन करके उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए शिक्षा एवं शैक्षणिक विचार को प्रसारित करें और आम व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने का कार्य करें तो यह उनको एक सच्ची श्रद्धांजली होगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो आरएस जागलान, प्रो एचएल वर्मा, प्रो एमएस तुरान, प्रो नवल किशोर, प्रो बीके पुनिया, प्रो नरसीराम बिश्रोई, प्रो राजेश मल्होत्रा, प्रो मनोज दयाल, प्रो मिलिन्द पारले, प्रो देवेन्द्र मोहन, प्रो सुभाष चन्द्र कुण्डू, प्रो आरके गुप्ता, श्री आरके यादव, श्री बीएस कुण्डु, श्री प्रकाश अरोड़ा, डॉ कर्मपाल सिंह, डॉ सुरेश मित्तल, डॉ खजान सिंह, डॉ राजेश लोहचब, डॉ संजीव कुमार, डॉ वीके बिश्रोई, डॉ संदीप राणा, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों सहित स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
डॉ रंगा ने आगे कहा कि आज के दिन इस बात की आवश्यकता है कि हम उस महान देशभक्त को नमन करके उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए शिक्षा एवं शैक्षणिक विचार को प्रसारित करें और आम व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने का कार्य करें तो यह उनको एक सच्ची श्रद्धांजली होगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो आरएस जागलान, प्रो एचएल वर्मा, प्रो एमएस तुरान, प्रो नवल किशोर, प्रो बीके पुनिया, प्रो नरसीराम बिश्रोई, प्रो राजेश मल्होत्रा, प्रो मनोज दयाल, प्रो मिलिन्द पारले, प्रो देवेन्द्र मोहन, प्रो सुभाष चन्द्र कुण्डू, प्रो आरके गुप्ता, श्री आरके यादव, श्री बीएस कुण्डु, श्री प्रकाश अरोड़ा, डॉ कर्मपाल सिंह, डॉ सुरेश मित्तल, डॉ खजान सिंह, डॉ राजेश लोहचब, डॉ संजीव कुमार, डॉ वीके बिश्रोई, डॉ संदीप राणा, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों सहित स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment