सिरसा, 09 फरवरी। आज जिला में जनगणना के दूसरे चरण का कार्य प्रारम्भ किया गया जिसकी शुरूआत जनगणना अधिकारी श्री सुनील गाट ने शहर के वार्ड नं0 15 स्थित प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री गोपाल कांडा के मकान से की। जनगणना के कार्य में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम ने मंत्री के मकान पर जाकर उनके अनुज व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य श्री गोबिन्द कांडा से परिवार के सदस्यों की गणना के बारे में जानकारी दर्ज की और परिवार अनुसूची फार्म भरा जिसमें सभी 29 प्रश्रों के जवाब श्री गोबिन्द कांडा ने दिए। इस अवसर पर विभाग के सहायक निदेशक श्री अमरजीत सिंह व जनगणना के कार्य में लगे अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इस मौके पर श्री गोबिन्द कांडा ने बताया कि जिला में जनगणना का कार्य 28 फरवरी तक किया जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील की कि इस कार्य में लगे प्रगणकों को अपने परिवार के सदस्यों से सम्बन्धित सभी प्रकार की सही-सही जानकारी उपलब्ध करवाएं।
उन्होंने बताया कि आंकड़ों के आधार पर ही केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विकासकारी और जनकल्याणकारी योजनाएं तैयार की जाती है। इस वर्ष होने वाली जनगणना आजाद भारत की सातवीं जनगणना है। जनगणना के इन आंकड़ों से यह भी पता चल पाएगा कि विकास के मामले में देश कहा खड़ा है। उन्होंने बताया कि जनगणना से प्राप्त आंकड़ों का प्रयोग आम आदमी और देश के हित के लिए है। उन्होंने परिवार अनुसूची प्रोफार्मा में दिए गए कुल 29 प्रश्रों का जवाब देतेे हुए कहा कि उनमें व्यक्ति का नाम, मुखिया से संबंध, लिंग, जन्मतिथि, वर्तमान वैवाहिक स्थिति, विवाह के समय आयु, धर्म, जाति, विकलांगता, मातृभाषा, अन्य भाषाओं का ज्ञान, साक्षरता की स्थिति, शिक्षा ग्रहण की स्थिति, प्राप्त शिक्षा का स्तर, कार्य से संबंधित, जन्मस्थान, पुनर्वास स्थान, स्थान परिवर्तन का कारण, स्थान परिवर्तन के बाद निवास की अवधि व अन्य प्रश है।
जनगणना अधिकारी श्री सुनील गाट ने कहा कि जिला में जनगणना के दूसरे चरण का कार्य आज 9 फरवरी से शुरू हो गया है जो 28 फरवरी तक चलेगा। 28 फरवरी की रात्रि को प्रगणक विभिन्न जगहों पर जाकर बेघर लोगों की गणना करेंगे। इसके बाद 1 मार्च से 5 मार्च तक रिवीजनल राउंड होगा जिसमें 9 फरवरी से 28 फरवरी तक किसी की मृत्यु या जन्म के कारण हुए बदलाव को दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जनगणना के दूसरे दौर को समुचित तौर से संपन्न करने के लिए जिला को कुल 2138 खंडों में बांटा गया है जिनमें 3271 प्रगणक और सुपरवाईजर की ड्यूटी लगाई गई है। इन सभी सुपरवाईजर और प्रगणकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये सभी प्रगणक घर-घर जाकर निर्धारित प्रोफार्मा में जानकारी दर्ज करेंगे। इन सभी कॉलम की जानकारी प्रगणकों द्वारा पुर्णतया गोपनीय रखी जाएगी। यहां तक की जनगणना के दौरान दर्ज की गई जानकारी को किसी भी न्यायालय में साक्ष्य के रुप में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
इस अवसर पर वीरेन्द्र गगनेजा, महेन्द्र सैनी, अमन सर्राफ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि आंकड़ों के आधार पर ही केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विकासकारी और जनकल्याणकारी योजनाएं तैयार की जाती है। इस वर्ष होने वाली जनगणना आजाद भारत की सातवीं जनगणना है। जनगणना के इन आंकड़ों से यह भी पता चल पाएगा कि विकास के मामले में देश कहा खड़ा है। उन्होंने बताया कि जनगणना से प्राप्त आंकड़ों का प्रयोग आम आदमी और देश के हित के लिए है। उन्होंने परिवार अनुसूची प्रोफार्मा में दिए गए कुल 29 प्रश्रों का जवाब देतेे हुए कहा कि उनमें व्यक्ति का नाम, मुखिया से संबंध, लिंग, जन्मतिथि, वर्तमान वैवाहिक स्थिति, विवाह के समय आयु, धर्म, जाति, विकलांगता, मातृभाषा, अन्य भाषाओं का ज्ञान, साक्षरता की स्थिति, शिक्षा ग्रहण की स्थिति, प्राप्त शिक्षा का स्तर, कार्य से संबंधित, जन्मस्थान, पुनर्वास स्थान, स्थान परिवर्तन का कारण, स्थान परिवर्तन के बाद निवास की अवधि व अन्य प्रश है।
जनगणना अधिकारी श्री सुनील गाट ने कहा कि जिला में जनगणना के दूसरे चरण का कार्य आज 9 फरवरी से शुरू हो गया है जो 28 फरवरी तक चलेगा। 28 फरवरी की रात्रि को प्रगणक विभिन्न जगहों पर जाकर बेघर लोगों की गणना करेंगे। इसके बाद 1 मार्च से 5 मार्च तक रिवीजनल राउंड होगा जिसमें 9 फरवरी से 28 फरवरी तक किसी की मृत्यु या जन्म के कारण हुए बदलाव को दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जनगणना के दूसरे दौर को समुचित तौर से संपन्न करने के लिए जिला को कुल 2138 खंडों में बांटा गया है जिनमें 3271 प्रगणक और सुपरवाईजर की ड्यूटी लगाई गई है। इन सभी सुपरवाईजर और प्रगणकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये सभी प्रगणक घर-घर जाकर निर्धारित प्रोफार्मा में जानकारी दर्ज करेंगे। इन सभी कॉलम की जानकारी प्रगणकों द्वारा पुर्णतया गोपनीय रखी जाएगी। यहां तक की जनगणना के दौरान दर्ज की गई जानकारी को किसी भी न्यायालय में साक्ष्य के रुप में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
इस अवसर पर वीरेन्द्र गगनेजा, महेन्द्र सैनी, अमन सर्राफ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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