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14 February 2011

समाज की बदलती तस्वीर जब एक रुपया-एक नारियल में हुई शादी.


रेवाड़ी : आज के भौतिकवादी युग में जब दहेज के लिए कितनी ही कन्याओं को अपने जीवन का कुर्बान करना पड़ रहा है, ऐसे में रेवाड़ी के मौहल्ला अजय नगर निवासी युवा महेन्द्र भारती तथा सिरसा के मौहल्ला चतरगढ़ पट्टी निवासी युवती रिताक्षी ने बिना दान-दहेज के सामाजिक तौर पर शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया। ऐसी शादी समाज के उन लोगों के लिए एक मिसाल है, जो दहेज की खातिर अपनी नवविवाहित बहु को जलने या फांसी खाने पर मजबूर कर देते हैं। ऐसे लोगों के लिए रुपए के आगे जीवन का कोई मोल नहीं होता। उनको आज के इन युवाओं से सबक लेना चाहिए तथा दहेज रूपी गंदगी को समाज से बाहर निकालने का खुद प्रण लेना चाहिए।
    उल्लेखनीय है कि बीती रात सिरसा के मिलन समारोह स्थल, जोकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनैलो प्रमुख चौ. ओमप्रकाश चौटाला के आवास के बिल्कुल निकट है, में उक्त युवक-युवती शादी के अटूट बंधन में बंधन गए। खास बात यह है कि युवा-युवती दोनों के पिता इस दुनिया में अब नहीं हैं तथा बदलती सोच के कारण ये दोनों युवा एक-दूसरे के निकट आए और शादी के बंधन में बंध गए। बिना दान-दहेज के शादी करने की अपनी इच्छा को सिरे चढ़ाने के लिए इस युगल को अपने-2 परिजनों का गुस्सा भी सहना पड़ा मगर अंत में वर-वधु की इच्छा के सामने दोनों पक्षों ने सिर झुका लिया और ये दोनों सात जन्मों के अटूट बंधन में बंध गए। उल्लेखनीय है कि युवक रेवाड़ी जिले में एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार हैं जबकि युवती एक स्कूल में शिक्षिका के रूप में समाज की सेवा कर रही है।

फोटो कैप्शन :  सिरसा। बिना दहेज शादी करने वाले दुल्हा-दुल्हन की जोड़ी।

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